नई दिल्ली।एजेंसी
उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को अपर्याप्त धन और वन विभाग के कर्मचारियों को लोकसभा चुनाव की ड्यूटी में लगाए जाने को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि कोई भी राज्य वन विभाग के अधिकारियों या विभाग की गाड़ियों को चुनाव ड्यूटी पर नहीं लगाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने जंगल की आग से निपटने में लचर रवैये को लेकर उत्तराखंड के चीफ सेक्रटरी को तलब करते हुए उन्हें शुक्रवार को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। दूसरी तरफ, शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को भी कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि जब स्थितियां बदतर थीं तब आपने हमें दिखाया कि चीजें बहुत अच्छी हैं। उसने केंद्र से पूछा कि आग से निपटने के लिए राज्य को जरूरी फंड क्यों नहीं दिया गया। उत्तराखंड के जंगलों में पिछले साल नवंबर से ही आग लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट मई की शुरुआत से ही इस मुद्दे पर सुनवाई कर रहा है।
उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि जंगल की आग से निपटने में राज्य सरकार का रवैया बहुत लचर’ रहा है। कोर्ट ने कहा कि ऐक्शन प्लान तैयार था और उसे अंतिम रूप दिया जा चुका है लेकिन उसे लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। जस्टिस बी आर गवई की अगुआई वाली बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव को 17 मई को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। बेंच में जस्टिस गवई के अलावा जस्टिस एसवीएन भत्ती और संदीप मेहता भी शामिल हैं। बेंच ने उत्तराखंड के वन विभाग में बड़ी तादाद में खाली पदों को लेकर कहा कि इस मुद्दे के भी समाधान की जरूरत है।
‘ये लचर रवैया है…’ उत्तराखंड के जंगलों में आग पर सुप्रीम कोर्ट की राज्य सरकार को फटकार, चीफ सेक्रटरी तलब
