चीन की दोस्ती में डूबे मालदीव को क्यों आई भारत की याद ?
नई दिल्ली।एजेंसी
भारत के साथ चल रहे तनाव और राजनयिक गतिरोध के बीच गुरुवार को मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर पहली बार भारत दौरे पर आए हैं. नई दिल्ली में मूसा और उनके भारतीय समकक्ष डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात हुई. दोनों दिग्गजों ने इस दौरान द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की. मूसा ज़मीर के भारत दौरे को कई मायनों में खास माना जा रहा है. 6 महीने पहले मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव के राष्ट्रपति की शपथ ली थी. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उन्होंने ‘इंडिया आउट’ का कैंपेन चलाया था. मुइज्जू जितने भारत विरोधी हैं, उतने ही चीन के समर्थक भी. हाल ही में मालदीव और चीन के बीच कई अहम समझौते भी हुए हैं. आइए समझते हैं कि चीन की यारी के बीच आखिर मोहम्मद मुइज्जू को भारत की याद क्यों आई? आखिर तनाव के बीच वहां के विदेश मंत्री के भारत दौरे की क्या वजह है?
मोहम्मद मुइज्जू ने बीते साल नवंबर में मालदीव के राष्ट्रपति का पदभार संभाला. उनका रुख हमेशा से भारत विरोधी रहा है. मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ कैंपेन के साथ ही भारतीय सैनिकों को मालदीव छोड़ने को कहा था. इसके लिए 10 मई तक की डेडलाइन दी गई थी. जिसके बाद भारत ने भी अब तक अपने 51 सैनिकों को वापस बुला लिया है. मुइज्जू के भारत विरोधी रुख और उनके फैसलों के खिलाफ भारत में भी बॉलीवुड स्टार्स और सेलेब्स ने मालदीव का बॉयकॉट किया था. जिसके बाद वहां का टूरिज्म बैठ गया. नतीजतन इकोनॉमी में ब्रेक लग गया. लगता है अब मुइज्जू को अपनी गलती का अहसास हो हुआ है.
अकड़ के बाद घुटने पर आया मालदीव !
