अब भिखारियों की तलाश करेंगे टीचर
शिक्षा विभाग ने लगाई ड्यूटी
hindustan samaj ग्वालियर। शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, अब शिक्षकों को बाल भिखारियों को तलाश करना होगा। यही नहीं उन्हें भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाना होगा। इस आदेश से शिक्षक बेहद नाराज बताए जाते हैं। आदेश में महिला बाल विकास के विशेष अभियान का जिक्र किया गया है। आदेश में हायर सेकेंडरी स्कूल के कुछ प्राचार्य और कर्मचारियों समेत 10 नाम शामिल किए हैं।
आदेश के अनुसार, बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए सड़क पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास और उन्हें मुख्य धारा में लाने की बात कही गई है। अब शिक्षकों को भिखारियों को तलाश करना होगा और उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाना होगा। इस आदेश का शिक्षकों के संगठन ने विरोध किया है। नाराज शिक्षकों का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार हर काम शिक्षकों से कराना चाहती है।
आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल ने बताया है कि हाईकोर्ट ने पिछले साल आदेश दिया था कि गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाई जाए फिर भी हर विभागों के काम शिक्षकों से ही कराए जा रहे हैं। वहीं जिले के डीईओ अजय कटियार ने बताया कि चार-पांच दिन पहले कलेक्टर की मौजूदगी में महिला एवं बाल विकास विभाग की ऑनलाइन मीटिंग हुई थी।
अजय कटियार ने बताया कि बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए थे ऐसे बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाना और मुख्य धारा में शामिल करना इस अभियान का उद्देश्य है। इससे पहले शिवपुरी में सामूहिक विवाह में भोजन परोसने की ड्यूटी भी चर्चा में थी। वहीं ग्वालियर में महिला बाल विकास के कर्मचारियों ने भिखारियों की धरपकड़ शुरू कर दी है। टीम कोई बच्चा नहीं मिलने की बात कह रही है।हालांकि शहर के व्यस्त चौराहा गोले का मंदिर पर बच्चे अपने माता-पिता के साथ भीख मांगते नजर आए। पड़ाव, फूलबाग और स्टेशन चौराहे पर भी बच्चे धार्मिक फोटो लेकर भीख मांगते दिखे।
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सर्चिंग ऑपरेशन नहीं चलाया
लोगों का कहना है कि कार्रवाई के लिए बनाई गई टीम ने शहर में कोई सर्चिंग ऑपरेशन नहीं चलाया। इसी के चलते अब जिला शिक्षा अधिकारी ने भिखारियों को तलाशने में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का आदेश जारी किया है।वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी डीएस जादौन ने झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चों से कहा कि वे अपनी शिक्षा ना छोड़ें। कोई विषम परिस्थिति आए तो इसकी सूचना जिला प्रशासन को दें। उन्होंने सभी शिक्षकों एवं कार्यक्रम में मौजूद लोगों से कहा कि कहीं पर यदि कोई बच्चा भीख मांगता दिखे तो उसकी सूचना फोन पर अवश्य दें। जिला प्रशासन द्वारा ऐसे बच्चों के पुनर्वास के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
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