शपथ ग्रहण समारोह: मोहन यादव कैबिनेट में कांग्रेस विधायक बने मंत्री

रामनिवास रावत  की ऐतिहासिक शपथ !
भोपाल। अक्सर कहा जाता है एमपी  अजब है, एमपी  गजब है…सोमवार यानी 8 जुलाई को एक बार फिर कुछ ऐसा ही हुआ. दरअसल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव  ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया.इस विस्तार में सिर्फ एक विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए रामनिवास रावत  ने शपथ ली. दिलचस्प ये है कि रामनिवास रावत ने सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर मंत्री पद की शपथ ली. लेकिन इसके तुरंत बाद अधिकारियों को गलती का एहसास हुआ क्योंकि रावत को बतौर राज्यमंत्री शपथ दिलाई गई थी जबकि उन्हें कैबिनेट मंत्री  के तौर पर शपथ दिलाया जाना था. इसके तुरंत बाद आनन-फानन में रावत को लगभग 9 बजकर 18 मिनट पर कैबिनेट मंत्री के तौर पर फिर से शपथ दिलाई गई.
इस समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और अन्य मंत्री भी मौजूद थे.जाहिर है दो बार हुए शपथ ग्रहण समारोह ने प्रक्रिया में हुई चूकों और राज्यपाल के कार्यालय की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. समारोह शुरू होने से पहले मुख्य सचिव ने कार्यक्रम शुरू करने की अनुमति मांगी और बाद में इसे समाप्त करने की अनुमति भी ली थी.
वह ऐसे पहले व्यक्ति बन गए जिन्होंने कांग्रेस विधायक रहते हुए भाजपा सरकार में मंत्री पद ग्रहण किया है. इस अनूठी स्थिति को और भी जटिल बना दिया गया क्योंकि रावत ने कैबिनेट मंत्री के पद की शपथ लेने से पहले राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा नहीं दिया.शपथ लेने के बाद, रामनिवास रावत ने  विशेष बातचीत में राज्य सरकार के नेताओं का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी.उन्होंने कहा- कांग्रेस को मुझ पर आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है जो उन्होंने मुझे नहीं दिया, राज्य सरकार ने मुझे दिया है. यहां मझे सम्मान मिला है. दो बार शपथ लेने की असामान्य स्थिति पर टिप्पणी करते हुए रावत ने मजाकिया अंदाज में कहा- “मैंने गलती से ‘का’ शब्द छोड़ दिया मैंने दो बार शपथ ली लेकिन मैं राज्य का पहला मंत्री हूं जिसने आधे घंटे में दो बार शपथ ली.”
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शिवराज-ज्योतिरादित्य का दबाव था
उधर विपक्ष इस गलती पर फौरन कटाक्ष कर बैठा. कांग्रेस के प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने इस घटना की निंदा की और सरकार के सुशासन के दावे पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा- डॉ. मोहन यादव की सरकार में, जो सुशासन का दावा करती है, आज ऐसी लापरवाही, ऐसी गलती की है जिसे शायद देश में पहले कभी नहीं देखा गया. महामहिम राज्यपाल की उपस्थिति में, कांग्रेस से भाजपा में गए विधायक रामनिवास रावत ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. जिसके बाद सरकार ने सूचित किया कि उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.अब एक भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बुंदेला ने पूछा- क्या यह राज्यपाल कार्यालय के कर्मचारियों की लापरवाही थी या सरकार पर बड़े नेताओं जैसे शिवराज सिंह चौहान या ज्योतिरादित्य सिंधिया का दबाव था.

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