शिक्षक की पत्नी ने लिखा तुमने उनको दुनिया से ही रिलीव कर दिया,मिठाई लेने आ जाना अरविंद यादव
करैरा – शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय संकुल करैरा के संकुल प्राचार्य अरविंद यादव द्वारा शिक्षक अजय आर्य को रिलीविंग लेटर देने के बाद उनकी साइलेंट हार्ट अटैक से मौत हो गई। इस घटना ने पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है। मृतक शिक्षक की पत्नी नीतू आर्या ने संकुल प्राचार्य पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने उनके पति से अटैचमेंट बनाए रखने के लिए एकमुश्त रकम ली थी। इसके बावजूद उन्हें रिलीव कर दिया गया, जिससे वे तनाव में आ गए और उनकी मौत हो गई।
घटना का मख्य कारण यह है ।
शिक्षक अजय आर्य की पोस्टिंग मिडिल स्कूल जुझाई में थी। शिक्षकों की कमी का हवाला देते हुए उन्हें जुलाई में करैरा के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में अटैच किया गया। यहां उनसे बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) का काम लेने के साथ कंप्यूटर कार्य भी कराया गया।
पत्नी नीतू आर्या का कहना है कि उनके पति ने संकुल प्राचार्य को अटैचमेंट बनाए रखने के लिए मोटी रकम दी थी। हालांकि, 27 नवंबर को अचानक उन्हें रिलीव कर दिया गया और उनके मूल विद्यालय भेजने का आदेश थमा दिया गया। इस फैसले ने अजय आर्य को मानसिक रूप से तोड़ दिया, जिसके चलते उन्होंने गहरा तनाव ले लिया और उसी रात उनकी साइलेंट हार्ट अटैक से मौत हो गई।
व्हाट्सएप पर पत्नी के द्वारा किये सनसनीखेज मैसिज से हुआ घटना का खुलासा
शिक्षक की मौत के बाद, शिक्षा विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप “बीईओ करैरा” पर शोक संवेदनाओं का सिलसिला चल रहा था। इसी बीच रात 11 बजे मृतक शिक्षक के मोबाइल नंबर से उनकी पत्नी नीतू आर्या ने एक भावुक संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने संकुल प्राचार्य को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया।
संदेश में लिखा गया: “तुमने मेरे पति को दुनिया से ही रिलीव कर दिया, मिठाई लेने आ जाना अरविंद यादव।” इस बयान ने मामले को और गंभीर बना दिया।
पत्नी का बयान: “रिश्वत लेकर भी रिलीव कर दिया”
नीतू आर्या ने मीडिया को बताया, “मेरे पति ने अटैचमेंट जारी रखने के लिए प्राचार्य अरविंद यादव को पैसा दिया था। इसके बावजूद उन्हें रिलीव कर दिया गया। वह बहुत तनाव में थे। जिस दिन उनकी मृत्यु हुई, वह पूरी तरह टूट चुके थे।”
घटना के शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप
इस घटना ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है। शिक्षक समुदाय ने प्राचार्य पर लगे आरोपों और शिक्षक की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की है। कई शिक्षक संगठनों ने इसे शिक्षा विभाग की अमानवीय कार्यप्रणाली का उदाहरण बताया है।
क्या है रिश्वत का खेल?
कुछ स्थानीय शिक्षकों ने नाम नही छापने की शर्त पर भी संकुल प्राचार्य पर कई बार अटैचमेंट के नाम पर धन उगाही करने के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि शिक्षकों को अटैच करने के लिए एकमुश्त रकम मांगी जाती है और उनकी नियुक्ति को लेकर प्राचार्य अपनी मर्जी चलाते हैं।
मामले की उच्च स्तरीय जांच की उठी मांग
शिक्षक संगठनों और मृतक के परिजनों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि विभाग में ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं, जहां मानसिक उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के चलते शिक्षक परेशान हो रहे हैं।
यह मामला सिर्फ एक शिक्षक की मौत का नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार और मानसिक उत्पीड़न की भयावह सच्चाई को उजागर करता है। क्या अजय आर्य को न्याय मिलेगा, यह सवाल अब शिक्षा विभाग और प्रशासन के सामने खड़ा है।
इनका क्या कहना है।
वरिष्ठ कार्यालय से जानकारी प्राप्त हुई है मामले में जाँच कमेटी गठित हो गई है जो भी दोषी होगा उचित कार्यवाही होगी
स्वीटी मंगल बीईओ करैरा
