माँ तुम महान हो, तब भगदड़ से हाहाकर, अब ममतामयी माहौल

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की यह तस्वीर दिल छू लेगी
नई दिल्ली।एजेंसी
एक मां क्या नहीं हो सकती! गृहिणी से शेरनी तक। सभी भूमिका में उत्कृष्ट। जब जेन जी की पीढ़ी में मां बनने से बचना फैशन हो गया हो, तब ऐसी तस्वीर बड़ा संदेश देती है। ऐसा संदेश जो घंटों के धार्मिक प्रवचन या कई दौर के साइकॉलजी सेशन से भी संभव नहीं। सिद्धांत पर व्यवहार तो वैसे भी हमेशा भारी रहा है ना।
बच्चों के लिए तो कहा भी गया है कि वो देखकर सीखते हैं, सुनकर नहीं। हम बड़ों पर भी यह नियम बहुत हद तक लागू होता है। बच्चों के मुकाबले हममें सुनकर सीखने की भी ज्यादा क्षमता होती है, लेकिन देखने के बाद तो सीखने का स्तर अलग ऊंचाई पर पहुंच जाता है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रेल पुलिस बल (आरपीएफ) की यह जवान, मां की दोहरी भूमिका में किसी प्रेरणा पुंज से कम नहीं।
अभी-अभी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ में भगदड़ मची। 18 जानें चल गईं। ऐसी स्थिति में एक महिला पुलिस की यह तस्वीर बहुत कुछ बयां कर रही है। हाथ में डंडा और कंधे के बल पेट पर टंगा बच्चा। मासूम इत्मिनान है। मां के आलिंगन में गहरे नींद से सराबोर। बच्चा बेफिक्र है तो मां के पास अपनी जिम्मेदारी पूरी करने का मौका है।
वो प्लैटफॉर्म पर घूम रही है। जैसी जहां जरूरत, ऐक्शन ले रही है। लोग उसे देखकर रहे हैं। वो बढ़ रही है और भौंचक आखें उसका पीछा कर रही हैं। फिर जुबान खुलते हैं और तारीफ के शब्द झड़ने लगते हैं। यह वही नई दिल्ली रेलवे स्टेशन है जहां दो दिन पहले चीख-पुकार और हाहाकार का आलम था, आज इस मां से माहौल ममतामयी है।

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